ज़हरीली प्लास्टिक का चक्रव्यूह
Updated: Sep 28, 2019
वास्तव में प्लास्टिक बोतलों और प्लास्टिक कैर्री बैग के अलावा सैकड़ों ऐसे प्रोडक्ट्स हैं जो हम सीधे तौर पर नहीं देखते... और वे कहीं जायदा घातक हैं।

15 अगस्त को एक स्वतंत्रता दिवस के भाषण में, मोदी जी ने लोगों और सरकारी एजेंसियों से 2 अक्टूबर को भारत को सिंगल यूज़ (एकल उपयोग) वाली प्लास्टिक से मुक्त करने की दिशा में "पहला बड़ा कदम" उठाने का आग्रह किया।


PVC प्लास्टिक से बनी पानी की टंकियां:
आज बाजार में उपलब्ध प्लास्टिक टैंक और बोतलें (20 लीटर वालीं ) ज्यादातर पॉलीथीन (PE), पॉलीप्रोपाइलीन (PP), बिस्फेनॉल (BPA), उच्च घनत्व पॉलीथीन (HDPE), पॉलीइथाइलीन टेरेफेथलेट (PET) और क्रॉस-लिंक्ड पॉलीइथाइलीन (PEX) से निर्मित होती हैं। या थर्माप्लास्टिक पॉलिमर, जो कि उपयोगकर्ताओं (end user) के स्वास्थ्य लिए बहुत ही खतरनाक जोखिम हैं। लंबे समय तक इस्तेमाल किए जाने पर या डिटर्जेंट से धोए जाने पर ये रसायन पानी के साथ मिलने लगते हैं। जब ये प्लास्टिक टैंक तेज गर्मी के संपर्क में होते हैं, खासकर लंबे गर्मी के महीनों में जब पारा 40 C से ऊपर हो जाता है। उच्च तापमान के साथ-साथ जब यूवी किरणें प्लास्टिक के साथ क्रिया करतीं हैं तब लीचिंग होती है। प्लास्टिक स्वतः क्षीण होने लगती हैं, टैंक की अन्दूरूनी सतह की प्लास्टिक पपड़ी बनकर झड़ने लगती है और चूर्ण से भी सूक्ष्म कण पाानी के माध्यम से मिट्टी और मानव शरीर में पहुँच जाते हैं।

फ्लेक्स बैनर्स-होर्डिंग्स :
1) लगभग सभी होर्डिंग्स फ्लेक्स के बने होते हैं - यह पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है और स्वास्थ्य के लिए खतरा है। फ्लेक्स बैनर पॉली-विनाइल क्लोराइड से बने होते हैं। यह पर्यावरण के लिए एक गंभीर खतरा है, क्योंकि यह बायो-डिग्रेडेबल नहीं है।
2) फ्लेक्स को पुन: उपयोग या पुनर्नवीनीकरण नहीं किया जा सकता है।यह कैंसर और बांझपन का कारण बन सकता है। यह सिंथेटिक बहुलक (synthetic polymer) से बना होता है , इसे जला कर ही भष्म किया जा सकता है। जलाने पर यह जहरीले धुएं का उत्सर्जन (कार्सिनोजेनिक) करता है जिसका स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है, जो जीनोम को नुकसान पहुंचाता है।
4) पॉलीविनाइल क्लोराइड या 'पीवीसी' मिट्टी में धीरे-धीरे बाहर निकलता है और उसे प्रदूषित करता है।
5) हमें कपड़ों के बैनर के उपयोग को आगे बढ़ाना चाहिए इससे न केवल पर्यावरण का भला होगा अपितु चित्रकारों के लिए आजीविका के साधन बढ़ेंगे।
